( शब्दो का मायाजाल )
बात अब तो दिल की जुबां पर आने से रह गयी,
आधे थे - हम, अधूरे थे - हमारे ख्वाब..
तेरे बिन जिन्दरी आधी-अधूरी किस्सा बनकर ही रह गयी !!
M@n6i
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