( शब्दो का मायाजाल )
" माँगी " सोच अगर ससुराल में... साँस अपनी ममता की आस में " बहु " को बेटी समझे ! और बहु अपने फर्ज में " साँस " को नैहर की माँ समझे , तो सार्थक है... हर घर मे बहु ही " बेटी " है, साँस ही " माँ " है !! #M@n6i
(नैहर=पीहर )
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