" तूने कैसे कह दिया, अलविदा "
" अलविदा.. अलविदा..अलविदा "
तूने कैसे कह दिया..............अलविदा
साँसे जैसे थम सी गयी है
रूह जैसे काप सी गयी है
पल जैसे थम से गए है
रूह जैसे काप सी गयी है
पल जैसे थम से गए है
यारा,तूने कैसे कह दिया अलविदा
वो फैसला भी तेरा है,वो फासला भी तेरा है
बिन तेरे रह न पाहेंगे हम,वो वादा भी तेरा था
अब दरमिया बिन तेरे,सुनी सुनी सी है,जिंदगी
अब दरमिया बिन तेरे,कोरा कोरा सा है,मन
अब दरमिया बिन तेरे,जीना लगता है,दुसवार
अब दरमिया बिन तेरे,हँसी जैसे,खो गयी है
बिन तेरे रह न पाहेंगे हम,वो वादा भी तेरा था
अब दरमिया बिन तेरे,सुनी सुनी सी है,जिंदगी
अब दरमिया बिन तेरे,कोरा कोरा सा है,मन
अब दरमिया बिन तेरे,जीना लगता है,दुसवार
अब दरमिया बिन तेरे,हँसी जैसे,खो गयी है
ओह सजना,तूने कैसे कह दिया
अलविदा,अलविदा..............
अलविदा,अलविदा..............
एक मुलाक़ात ही सही कर दो ना
एक झूठा ख्वाब ही सही बता दो ना
एक लम्हा ही सही साथ बिता दो ना
एक पल के लिये ही सही,हर-पल बन जाहो ना
एक झूठा ख्वाब ही सही बता दो ना
एक लम्हा ही सही साथ बिता दो ना
एक पल के लिये ही सही,हर-पल बन जाहो ना
देखा करता था,जो चाहत मेरे लिए,तेरी आँखों मे
क्या बरसो से जो बरस रही थी,
क्या बरसो से जो बरस रही थी,
मेरे लिए -तेरी चाहते झूठी थी,एक बार बतला जाते मुझे
न जाने कैसे कह दिया,तूने मुझे अलविदा
यारा तेरी याद आती है........
यारा तेरी याद आती है........
जाने कैसे कह दिया..अलविदा
मातम सा छा गया है,तुम्हारे जाने से
सितम सा छा गया था,तुम्हारे आने से
पता नही था,तुम छिपी रुस्तम निकलोगी
बदल जाहोगी तुम,मौसम की तरह......
जान बनाकर,अनजान कर दोगी
हम-सफर बनाकर,मुसाफिर बना दोगी
वादा था तुम्हारा,कभी न जाहोगी दूर मुझसे
अलविदा....फिर जाने कैसे कह दिया
ओह यारा........अलविदा...............अलविदा
सितम सा छा गया था,तुम्हारे आने से
पता नही था,तुम छिपी रुस्तम निकलोगी
बदल जाहोगी तुम,मौसम की तरह......
जान बनाकर,अनजान कर दोगी
हम-सफर बनाकर,मुसाफिर बना दोगी
वादा था तुम्हारा,कभी न जाहोगी दूर मुझसे
अलविदा....फिर जाने कैसे कह दिया
ओह यारा........अलविदा...............अलविदा
#M@n6i
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