" मैं मेहनत का माली हु "

मैं मेहनत का माली हु !
खुली आँखों से देखु सपने सच कर बताहू
रात पारी कर हौले-हौले सपनो के खेत मे जोतु खुद को
मैं ऋतु आए फल धोए कभी इंतजा न करू !!
.
मत आजमा !
मैं चुनोतियो को देख कदम ताल बढाता हु
किश्मत मेरे काम की दासी है,
रोज-बरोज वो मुझसे मिलने आती है !!
.
मैं मेहनत का माली हु !
आशियाँ की तलाश में मिलो दूर निकल जाहु
मुझे बरोज राह में राहगीर मीले हजारो
देखु हस कर आंधियो को गले लगा दु !!
.
मैं तन का सुखी मन का रँगा फकीर हु !
ओरो के मिझाज से जुदा अघोर हु
मैं नाम से " माँगी " काम से " तलब " रखता हूं
पाव जमी पर रखकर आसमा नाप लेने की बात रखता हूं !!
.
मैं मेहनत का माली हु !
मिट्टी की सौधी सुगन्ध से तन-मन को महकाता हु
किसानी रंग से रँगा धूप की परवा नही करता हु
गिरूंगा तो सीखूंगा मूल मंत्र की भावना रखता हूं !!
.
हद में रह !
मैं काल को देखकर महाकाल जपता हु
मरुधरी राह में तुफा देख सीना तान चलता हूं
मैं अंधेरे को देख डरकर-सहमू क्यो.?
सर पर मेरे जो " महाकाल " का हाथ है !!
.
मैं मेहनत का माली हु !
अपने बनाए उसूलो के रास्तों पर चलता हूं
खलता हु हर एक की नजर में, साजिशो में गिरता भी हु
दिल मे " महाकाल " बगल मे ख़ंजर भी रखता हूं !!
#M@n6i

Comments