" खुद को खुद से बदलता रहता हूं "
एक अंतराल के बाद ...
खुद को खुद से बदलता रहता हू
सोचता हू खुद को,दुसरो से कम,
देखता हू,आइने मे,
कोसता हू,अंदर ही अंदर खुद को
कहा से जुड़ रहा हू,कहा से टूट रहा हु
कौन हसा रहा हैं,कौन रुला रहा है
कहा पे खोट हैं,कहा पे नफा है
कहा पे नकद है,कहा पे उधार है
एक अंतराल के बाद,
खुद को खुद से पूछताह करता रहता हु
कौन मेरे लिए मर-मिट जाना चाहता है
कौन मुझे मिटा देना चाहता है
कौन मेरे साथ वफ़ा होना चाहता है
कौन मेरे से बे-वफ़ा होना चाहता है
एक अंतराल के बाद
खुद की शिकायत,खुद से करता रहता हु
कहा से उड़ रहा हु,कौन उडा रहा है
कहा से गिर रहा हु,कौन गिरा रहा है
कहा से आया था,कहा जाना है
क्यों आया था,किसलिये जाना है
एक अंतराल बाद
खुद का फर्क,खुद मै महसूस करता रहता हु
#M@n6i
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